मिट गया
उम्मीदां री तरै सबद पिण
आज तक म्हारै खतां सूं
थारी खुशबू नीं गयी
नीं मिलण तक
सगळा सिकवा हा
मिल्या तोई
सिकायत नीं गयी।
रात भर उण रा ख्याल
आता जाता रैया
मगर ख्याल आता ई
नींद आती-जाती रैयी
हाथै नीं आई
प्रेम री दौलत
मुफ्त में म्हारो दिल
बदनाम हुयौ दिल टूट ग्यौ
दिल गम सूं
मालोमाल रैयौ
जाणैं कांई
इसक रो जज्बो है
ओ सवाल आज तक
सवाल ही रैयौ।