प्रेम रंग में रंग जावां,
ई बार होळी में
आओ सबने रंग लगावां,
ई बार होळी में।
सुंदर सो संसार आपणो,
फूलां सो महकावां,
रंगां रे उल्लास ,स्यूं,
काळजे मिठास घुळावां।
चोफेर हो खुशियां
इसो जग में नूर भरै,
भेदभाव ना होवे कठै,
नफरत री दीवारां हटै।
सद्धाव स्यूं पूर्ण हो जीवण,
मन सांति रो धाम होवे,
ना कठै हो मारामारी,
हर युद्ध पर विराम होवै।
हो थारो म्हारो नहीं अठै,
सारो आपणो होवै,
कोकिल मींठी वाणी में,
ज्यों घोळी अमृतधार होवै।
प्रेम रंग में रंग जावां,
ई बार होळी में,
आओ सबने रंग लगावां,
ई बार होळी में।