वीर सपूतां री पावन धरा
आ माटी राजस्थान री
अठै री संस्कृति निराली
दुनियां में धाक राजस्थान री।
अठै रा धोरा पावन
निपजै काकड़िया अर मतीरा
फोग खेजड़ी अर रोहिड़ा
केर, सांगरी जेड़ा हीरा।
देव रमै इण धरा पर
गोगा, तेजाजी वीर सा
मेहन्दीपुर में श्रीबालाजी
रूणीचा में रामदेवी पीर सा।
करणी मां हे देशनोक में
खाटू में श्याम बिराजै
गोगामेड़ी में मेळो भारी
बीकाणै, जैपर गवर साजै।
प्रताप राणा सा वीर अठै
राखी शान चितौड़ री
बलिदानी जजबो लोगां में
वीर भूमि राजस्थान री।
ढोला मारू रा गीत अठै
सगळा गौरव सूं गावै
पावन प्रेम री आ गाथा
साथै जीणो, मरणो सीखावै।
आओ मिल’र आपां सगळा
राजस्थान नै आगै बधावां
जै राजस्थान जै राजस्थानी
हैलो देय’र सबनै बुलावां।