ताळ तळाया
जंगळ जंगळ
हुवणौ चावै म्हारो मन
सरणाटै री
गूँज गूँज में
चावै गूंजणौ म्हारो मन
बाथ्यां भर भर
मिळणौ चावै
गूंगा पीळा धौरां संग
आक बोरटी
अर खेजड़ी
बणनौ चावै म्हारो मन
देख चिड़कली
पाळ ताळ री
चक चक करणो चावै मन
नीं ठा जठै सूं
क्यूं बठै सूं
ऊंचौ उडणौ चावै मन
धरती माथै
घणौ अमूझौ
आभो बणनो चावै मन।