धरा पर लायी सुरंगी भोर
घोर कळमस काळोडी कोर
घेरियो पसर अंधारो छोर
देख चेतण सूरज री किरण
उजासो दीसै आभळ कोर
चानणो बढ अधारो घटै
सुणीज पंछीडा रो सोर
काम पर लाग हळा नै टोर
धरा रै कण-कण नै दे फोर
उजासो दीसै आभळ कोर
हियै में जाण समै रो मोल
बीतती जाय घडी पुळ पोर
अबै मन करतै बेगो गोर
जियैलो नहीं काम रो चोर
उजासो दीस आभळ कोर
कोड कर उठ करमठ मोट्यार
राख महनत पर पूरो जोर
पसीनो सींच गळै ज्यूं लोर
धरा रो नाच उठै मन मोर
उजासो दीसै आभळ कोर
सांस रै साथ बदळतो जाय
जमानो जीवण नै झकझोर
हिया मे उथळ-पुथळ घणघोर
जागरण री धुन चारू ओर
उजासो दीसै आभळ कोर