लोही री तीसी फ़ौज रा
रंगरूट बणसी आपरा टाबर
आपां बणास्यां अचंभे सूं
भरयोड़ी मिनखां री मशीन
जिकी फेंकसी गोळा आंख्या मीच’र सीमा पार
जीका लदसी आपरी पीठ
सेंकड़ूं गन-बारूदरा थैला,
जीका मिटा सी आपरी तीस
मिनख] रै खून सूं,
साच्याणी आपां बणास्यां उन्माद री इसी दवाई
जिकी मिटा नाख सी भूख
सगळा भूख सूं बिलमावता मिनखा री।
राष्ट्रवाद री जिकी खेती आपां करी ई है
ईणरी कटाई कर सी
आपणी औलादां अत्याधुनिक
यंत्रा-संजा सूं...
थोड़ी सी'क ई
आफळ कोनी करैली आपरी पीढ़ी
तार्किक बातां मांय ध्यान लगावण री
अर किताबां पढ़ण री
क्यूंकै आपां सील नाखी
वांरी अक्ल माथै कल्पना री खोळी
आपां इस्कूल री भणाई सूं अब उकता गिया हां
अब धर री इमारता री लिपाई पुताई जरूरी ई है
अठै ई बेठ’र बणा सी आपरा टाबर
खून सूं रंगीज्योड़ा नरपिशाचां रा चित्र
अठै ई लिख सी रेत रै धोरे पर खड़यै
बंदूक थामयोड़े मोटयारा री प्रेम कहाणी।