धोळक करती

दादी री

निजरां बचा 'र

भींत रै

लगायो लपरको।

घर

होळै-सी कान में बोल्यो-

अेक लाडियो

इल्लै पासै और।

स्रोत
  • सिरजक : विनोद स्वामी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी