कदे-कदास
मनड़ै में सुवाल उठै
कै घर में
इस्यो कांई हुवै?
जिणसूं घर,
घर हुवै।
फेर पडूत्तर ई
मनड़ो ही देवै,
कै घर में हुवै
घर जिसी बात
अर जिण घर में
नीं हुवै घर जिसी बात,
बो घर,घर नीं हुवै।