अबार तांईं सौक्यूं ठीक'ई हो
चाणचके'ई बिपत आ पड़ी
चौखी भली भोळूड़ी में
भूतणी बासो कर लियो
भांत-भांत का चिरत करै
ऊछळै-कूदै नाचै
आप'ई हंसै
बतळावै अ'र किलकी मारै
बोलै इसी बटक-बटक
जाणै पड़दादी हुवै
लाडू खाऊँ पेड़ा खाऊँ
सीरौ खाऊँ तो कळाकंद खाऊँ
ठंडै टुकडां के कानी'ई कोनी देखै
राबड़ी की हांडी फोड़ नाखी
मिरच्यां को भाटो
बाड़ परो'की बगाय नाख्यौ
रोटी पौवण की परात
के गोबर को कूंडियो
छानी छाणन को चालणौं
के भरौटी ल्यावण को खरलौ
जेळी गंडासी दांतळी
जेवड़ा सोक्यूं जो'ड़ै मं पटक्याई
सागै आळी छोरियां का
दोघड़ फुड़ाय नांख्या
भागी ब्याई गाय ज्यूं
खूंटियो तुड़ाय
आखौ गांव गा'य नाख्यो
घणी दौ'री हाथ आयी
मल्ला पांच भागादौड़ी करी
अ'र बांध ल्याया लाव सूं
अब स्याणा भौपां नै दिखास्यां
कोई झाड़ौ झपटौ दिरा स्यां
ईंकी भूतणी कढास्यां
बेरो न के हुयो
कोई चौरावै मं पग लाग्यौ है
कै कोई गुड़ की डळी खाय
की गुवाड़ मं चली गई
सौक्यां को जाबतौ
राखतां-राखतां'ई अे चै'न होगा
भाया सुणता घिरता
छोरी छापरियां नै मीठो-चूंठो
मत घाल्यो
नंई तो म्हारी जियां
गळै मं घ्यार घल ज्यागौ
धापूड़ी दादी समूळै गांव मं
हाकौ फिरायौ
पंच पटेल भेळा हुया
अ'र गांव कै कार दिराई।