पांचबी मं पढै छो
उपर होगी कोई दसेक बरस म्हारी।
अेक दन स्कूल सूं आयो
थैलो पटक्यो, रोटी हेरी।
छाबड़ी मं बची अेक रोटी कू
म्हारा हाथ सूं कूकरो लेग्यो
जद मैं रोयो
तो मांई ने मोकू पीट्यो।
म्हारै समझ कोनी खायी
मांई कू कूकरा के पळसेटी देणी छी
पण पीट गाल्यो मोकू।
अउर फेरूं बा भी रोबा लागगी
मोकू पुचकारती-पुचकारती।
पण अब म्हारै समझ खागी
के मांई बा दन क्यूं रोयी छी?
असल मं बा मोकू कोनी
आपणी किस्मत कू पीट री छी
के म्हारो लाल भूखा रेय गियो
अेक रोटी छी जे घर मं
बा भी गैबी कूकरो ले गियो!