कुछेक बरसां पैली

म्हैं एक ठौड़ भण्यौ हौ

के इक्कीसवीं सदी में

के होवेलौ?

वांरौ उथलौ हौ-

इक्कीस दिनां में एक’र जळ मिलेलौ

वां बेल्यां म्हनै झूंठ लाग्यौ हौ।

पण, अबै म्हनै भरोसा व्हेग्यौ है

के हीज हाल रेवैलौ

तौ जळ नै मिनख तरसेलौ

पीबौ तौ छेटी

इंजेक्सन सूं काम चलावेलौ।

स्रोत
  • पोथी : मिनख ,
  • सिरजक : विनोद सोमानी 'हंस' ,
  • प्रकाशक : विद्या प्रकाशन ,
  • संस्करण : 1
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