धोळक करती

दादी री

निजरां बचा'र

भींत रै

लगायो लपरको।

घर

होळै-सी कान में बोल्यो—

अेक लाडियो

इल्लै पासै और...

स्रोत
  • सिरजक : विनोद स्वामी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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