थनै सुमरण रा बोल

म्हैं भाळूं

के मारग रै आधेटै थड़ियां करता

लोटणपाळी रमै टाबरां ज्यूं

वै नीं धकै बधै

नीं लारै

अेक री अेक ठौड़ सळवळै

आपरा वेग नै अंवेर्‌यां

जांणै आपरै खोळ में नेगम व्है

अै बोल उपज्या म्हारै मांय

रह्या म्हारै मांय

बधिया म्हारै मांय

जलमण रै मिस अबै रळकिया

अै थारै सुमरण रा बोल

कंठ रै आधेटै

पूगण नीं पूगण रौ मतौ करता छा

अबै अेकण ठौड़

मिजाज में मक्या व्हियोड़ा

प्रीत रा मद में गेळीज्योड़ा

बगना व्हियोड़ा कदमताळ करै छै

म्हैं अबोलौ सोक

वां बोलां सूं थारै सुमरण रा बणता रूप भाळूं

कंवळा भखभूरा रूंवाळीदार गोळ-गोळ

तौ कदैई लांबा-लड़ाक

अेक आकार केड़ै दूजौ

जिकौ यूं रा यूं घटै अर बधै

जैड़ौ के छिण-छिण बदळतौ छौ म्हारै मांय

बस, आज इत्तौक नवेसर व्हियौ

के अै बोल म्हारा सूं आजाद व्हैगा

माडांणी रळकता-टुळकता वहीर व्हैगा

आपरै मंसूबां रै जोर

आंरी पूग अणपूग म्हारै सारै कोनीं

पछै वारूं दिसावां में थूं किण पासै छै?

म्हैं कोनीं जांणू

कदैई अेलम व्है सगळी ठौड़ सारिसौ-पसर्‌योड़ौ

काळ रै कणां सूं बण्योड़ौ लांठौ धोरौ छै थूं

जिकौ रेत रै छिणां ढसकतौ जावै

कदैई लागै

थूं नेगम हेमाळौ बण ऊभी छै धुराऊ में

पण धकळै छिण थूं दिखणाद में बण जावै समंदर

छोळां रै मिस मुळकती

उगमणी दिस किरणां री आंख्यां सूं

ठौड़-ठौड़ तपास करी थारी

कठैई झबकौ नीं पड़ियौ

आथूंणौ जावण रौ मन नीं मांनै

‌अैड़ा में वहीर व्हियोड़ा

अै बोल थनै भाळता-भाळता

के तौ दब जावैला धोरा री बेकळू में

के समदर रै खारै पांणी घुळ जावैला

के पछै किरणां आंरौ रंग उडाय बदरंग कर न्हाखैला

इणसूं तौ आछौ

कै वै बोल पाछा बावड़जा म्हारी वाचा में

आपरी पांगळी लाचारी सागै

म्हैं जांणू के अेकर छूट्यां बावड़ै कीं नीं

म्हारी कळझळ छै

कीं व्हौ इण मिस थूं

‘अे सुमरण रा बोल छा’

वांरी कांण राखती

अेक हिचकी तौ लेय लीजै।

स्रोत
  • पोथी : हिरणा! मूंन साध वन चरणा ,
  • सिरजक : चंद्रप्रकास देवल ,
  • प्रकाशक : कवि प्रकासण, बीकानेर
जुड़्योड़ा विसै