व्हे नासमझ छोरा-
जिकण ने
पढ़णो-लिखणो नी भावे
येन-केन-प्रकारेण-
बस 'पास' शब्द सुणणो चा'वै-
जे 'फेल' शब्द सुणे तो
अेक-अेक अग्यारह ब'णर
राता-पीळा होवणो।