सूरज उगणै रै साथै माँ

बिलो'र बिलोवणो

संवारै छा

बणावै है जद

चूंटियो

तो बीं बगत ईंया लागै

जाणै–

माँ री हथेळी पर

नाचती हुवे

कुंवारी छोरी रै ज्यूं धरती।

स्रोत
  • सिरजक : संदीप निर्भय ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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