पून री धीमी सांस में सूं

एक अपचळो बगूळियो जलम्यो

गुड़ाळियां चाल्यो नी

थड़ी करी नी

भचकै ऊभो हुय'र

घूमर घाली तो इसी कै

घास पांख धूळ

जिकी चीज लपेट में आई

बूकियो पकड़र उठाई अर

बूढ़ै सूरज रै आंगणै में बगाई !

गीत एक घायल मोरियो

पांखां खोस खोसर

कागला सांग भरै

चिड़कल्यां आळो सजावै

देखर आभो निसास नाखै

बापड़ी गूज-मोरड़ी

डूंगरां में सिर धुणै !

स्रोत
  • सिरजक : कन्हैया लाल सेठिया
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