धर्म-अेक
धर्म
धापतां रो हुया करै
भोळा माणसां
भूखां रो तो धर्म
हुवै
आटै आळो पिम्पो!
धर्म-दो
बेल्यां
आंधी भीगतवा नै भेळी कर'र
ऊत-फांगड़ा मचाणां
नारा लगाणा
लोगां रै घर-बारां नै बाळणा
मिनखां नै मारणा
धर्म नीं अधर्म है!
आदमी रो
धर्म तो हुवै भूखां नै भोजन
दुख्यां नै परस
बेसहारा रै देवणो सा'रो!
धर्म-तीन
धर्म धतूरो है
धर्म भांग
धर्म अफीम!
धर्म!
धर्म तो महात्मा है
साधु है
संत है
सन्यासी है धर्म!
पण
धर्म रो फितूर...?