दिनूगै-दिनूगै

ठंडा टीप बेकळू रेत रा धोरा

मधरो-मधरो बायरो

जिनावरां रो कलरव

कठैई मिरग चूगै हा पालो

कठैई गूंगलिया गुड़कावै हा

गोबर सूं बणायोड़ी गोळियां

कठैई बिल सूं बारै आय

ठंडी रेत में

लेवै हो मसाज

पीवणो सांप

कठैई उण पीवणै नै देख’र

चिड़कलियां करै ही चरचराट

पण अैड़ी किसी ठौड़ है

जठै नीं दीसै कोई मिनख

नीं दीसै कोई ढाणी

अठै नीं बस सकै बस्ती

नीं कर सकै करसा खेती

नीं बाढ सकै अठै कोई

किणी रूंख री हरी डाळी

क्यूं कै

ओरण है

ओरण

जित्तो छोटो नाम

उत्तो ही मोटो विचार,

इणरै लारै है

परकत नैं बचावण री मोटी हूंस

इण हूंस रा आगीवण हा

अठैरा लोक देवी-देवता

अर संत-सिधेसर

पण आज दिनूगै पैली

इण मानव सूं अछूत परकत में

हाको क्यांरो है,

सगळा जीव जिनावर

सुणण लाग्या

होयनै चौकन्ना

इतैक में आवती दीसी

पक्कै पीळै रंग री

मोटी-मोटी गाडियां

लियां हाथी जैड़ी सूंड

धड़ड़ड़-धड़ड़ड़ करती

बड़गी ओरण में

धूजावती धरती

उडावती धूड़

देख नैं नजारो

रूंखा रै ही आवण लागो पसीनो

अर होवण लागी

किणी अणहोणी री संका

पीळकी गाडियां रै लारै

आवै ही कारां

ऊजळै रंग री

जिणारै मांय बैठो हो

मरूधरा रो विकास

उतरतां कार सूं हेठो

दंभ सूं दहाड़तो

बोल्यो थार रो विकास

बाढ़ दो आं खेजड़ियां नैं

बोरड़ियां नैं बोट दो

पाधरा करदो धोरां नैं

मैदान रै जियां,

क्यूंकै अठै हुवैला

मरूधरा रो विकास

धोरां री इण धूड़ नै बाळो आगी

अर काढ़ो लाइमस्टोन

जिण सूं हुवैला

सिरमट रो सिरजण

अर लागसी मोटा कारखानां

इण ओरण में

ऊपजैला सौर ऊर्जा

लागैला सौलर प्लांट

मरूधर रै इण वायरै में

लागैला पवन चक्कियां

अर हुवैला विकास

आं बातां नै सुण’र

उण पीळकी गाडी रै टायर कन्नैं

गोबर री गोळी गुड़कावतै

अेक गूंगलियै रो

फाट गियो काळजो

छोड परी गोळी नैं

बो गूंगलियो कूद गियो

उण गाडी रै टायर आगै

अर कर लियो

आतमघात

इण घटना रै पछै

ओरण रा देवता ही

छोड़ गिया ओरण नैं

अर रैवण लाग्या

सहर में कठैई

लेय नैं फ्लेट।

स्रोत
  • पोथी : भींत भरोसै री ,
  • सिरजक : सत्येंद्र चारण ,
  • प्रकाशक : वेरा प्रकाशन, जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम
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