पवन धोवै

धोरा मंड्या पगल्या

की नीं रैवै बाकी

रेतघड़ी

कण-कण री

करै गिणती—

बीत्योडै नै करती

मुगत।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : राजेश कुमार व्यास ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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