मन-सरवर बिस्वास राखजे,

हिवड़े में कवळांस राखजे।

मरुधर माटी जलम लियो है,

ऊंडी मनड़ै आस राखजे।

परेम बांध सूं पाणी भेळो

मरुधर तू मधुमास राखजे।

अबखायां रा उठै भतूळ्या,

पण धूं आस-उजास राखजे।

मन रा मीत मिलैला पक्का,

मीतां जूण तलास राखजे।

स्रोत
  • पोथी : कथेसर ,
  • सिरजक : जुलाई-सितम्बर, 2022
जुड़्योड़ा विसै