अरदास बांठ भूख भाव बिस्वास राखजे चींत च्यार कवितावां हीण कुण जूण रा रंग मन री आफळ मनस्या भूख मरुथळ रो मरम मुळक पीड़ काळज्यै री सीख थकणो अर छकणो थारी आ कुचरणी