आदू मानखौ

कंदमूळ फळ, पांन फाकतौ

सीख्यौ पारधी बणणौ

पैलमपोत मारग मांडतौ

इळा नै फिसलपट्टी कर बरततौ

व्हियौ तुतलाय-तुतलाय भाखतौ

म्हैं आदम सुरग सूं थड्डौ खाय

हळफळायोड़ौ धंलीजतौ

जठै पैली दांण टिकाया हा पग

वा ही इज प्रथमी

काठ री दड़ी गोळ-गोळ

मारग बिहूणी

अजै है

ही ज्यूं री ज्यूं

इण माथै अै कुण ठोर दी है

कीलां कीलां

अर कील-कील माथै

अै कुण टांक दी है चीजां

झंडा, परचम

बंदूकां, तरवारां, पेसकबज

जांण व्है मारग बतावण रा अेहलांण

वडा गजब री बात

के बंदूक री नाळ सूं झंडा तांणी

जावतौ अेक मारग है

गोळी रै वेग न्हाटतौ मारग

अरै-अरै दिखावौ आप

तरवार री धार माथै कर

जावती पळकतौ झीणौ मारग

धार जित्तौ बारीक

अणूं तौ जोखमदार पण पाधरौ

असंगबायरा म्हारै डील में

अबै कठै इत्ती कड़पांण

के वेग नै नावड़ू

पण केई जोमरद वेगवांन भायला

आपरी हंस सू दौड़े है अैड़े मारग

मारग एक नसौ है

अेकर झाल्यां

आदमी नै करदै आपरौ बंधाणी

इण कंडीरापा सू बचती इज

आवणी था गोळ-गोळ प्रथमी

मारग नै टाळ

मारग बायरी चालै है दिन रात

फिरता लट्टू ज्यूं घूमर लेवती

म्हारै नीं कोई असवारी

अळवांणौ न्यारौ

अर मारग धार री जात

जावणौ तौ है इज

जावणौ तौ पड़ैला परली पार

भागजोग सूं पड़गी ईव दड़ी रै उण ढाळ

अर बिचाळे अबै

मारग

मारग

जिखौ ताखड़ा तोड़तौ ऊभौ है

कठैई जावण सारू

मन करै तौ जाय सकै

नाक री सीध पाधरौ

क्यूं के पाधरौ मारग

पाधरौ इज जायां करै

जे गियौ परौ

तौ पछै

म्हारी कांईं दीन व्हैला

किण माथै कर

किणरै आसरे पूगूं ला

उण पासै

ईव कन्नै

ढाबो ढाबौ आं मारगा नै

है जठै ढाबौ

जे अै बधग्या

तौ ढाब्यां नीं ढबैला

पछै चालैला

अर अपां आपौ आपरी सागण ठौड़

पड़या रैय जावाला

मारग रै चालण सूं म्हारै नीं पूगीजै

इण सारू

म्हैं तौ जावूं

व्हेई जिकी देखी जाई

छौ पड़ता टपका म्हारी पगतळी सूं

कंकू वरणा

भला मिनखां,

जे म्हैं पूगतौ पूगतौ हिंगळू ढोलियै

बिचाळै व्हे जावूं पूरौ

तौ थै सब

म्हारै दाग खातर मतना करज्यो

कोई कळाप

काठ री इण इळा माथै

नीं दीरीज सकै कोई नै दाग

थैं तौ फगत

म्हारी माटी नै टांक देज्यौ

इण इळा माथै ठोरयोड़ी

किणी खाली कील माथै

म्हैं मारग बण जावूंला!

स्रोत
  • पोथी : मारग ,
  • सिरजक : चंद्रप्रकाश देवल ,
  • प्रकाशक : देवल प्रकासन, गोटीपा
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