बाप सूं घर

नै बेटी सूं आंगणौ हो

उण घर

आखी दुनिया सूं

आप मतै/अेकली

झूंझण वाळी/दहाड़ण वाळी

बूढ़ा बाप री बेटी

आज आखरी जातरा माथै

निसरिया बूढ़ा बाप नै

भरियै काळजै

बरसती आंख्यां

जोवती रैयी

जोवती रैयी

अदीठ नीं व्हीयौ जित्तै

डुसकियां भरती

कुण जाणै

कुण जाणै

कुण किणरौ थोगौ हो

नीं ठा

आज भींत टूटी कै

थोगौ भागौ।

स्रोत
  • पोथी : आळोच ,
  • सिरजक : डॉ. धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : रॉयल पब्लिकेशन, रातानाडा, जोधपुर (राज.) ,
  • संस्करण : प्रथम
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