जुध सूं पैली

सींव बंट्योड़ी होवै

दो देसां रै बिचाळे।

अर जुध रै पछै

सींवां मिट जावै

दोनूं देसां रै बिचाळे!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह' ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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