इण धरती रा इस्या रुखाळा
पैरै है मुण्डां री माळा
माथा बीजै फूल उगावै
सींचै है लोही सूं नाळा
नवीं फसल रा नवां बीज थे
नवीं बानगी तोलो रे
भारत की जय बोलौ रे
इण धरती री इसड़ी नारी
आंचळ में राखै चिणगारी
अेटम मेघाटण दो नैणां
लाल ज्वाल री करै सवारी
आज बरफ में आग लगी है
सेना नै मत तौलो रे
भारत की जय बोलौ रे
इण धरती रा इस्या पुजारा
राखै हाथां में दुधारा
काढ़ काळजो करै आरतौ
संख बजावै करै हुंकारा
आज वन्दना री बेला है
असियां रा कस खोलौ रे
भारत की जय बोलौ रे।