जित्तो संसार

बित्तो-बित्तो संग

स्वारथ लागै

बित्तो

नातां रो रंग।

सांवरिया!

जाणगी

आ, हाथ पकड़लै,

संसार सूं विरक्ति,

थारै सागै घणी-घणी

आसक्ति।

स्रोत
  • पोथी : उघड़ता अरथ ,
  • सिरजक : सुंदर पारख ,
  • प्रकाशक : राष्ट्रभाषा हिंदी प्रचार समिति, श्री डूंगरगढ़ ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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