''थूं नीं

म्हैं उतरूं

आभै सूं।

घालूं धरती रै

गळबांथ।

छिड़कूं

प्रीत री छांटां..!''

फगत

इणीं बात सारू

भिड़ग्या बादळ

हुई झींटाखोसी।

फाट्यो नेह

बणग्यो मेह

टूट्या दांत

पड़-पड़ आंगण

बणग्या गड़ा.!

धोळै आंगणैं

न्हावता

नागा ततूड़ टाबर.!

चुग-चुग गड़ा

कदै लै सुवादिया

कदै चिड़ावता

बादळ नै

बणा लेवै दांत...!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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