आइव्यू चौमासु

घेरे ने बारते जे देको इयें लीलू ने लीलू!

घोरं मय टप-टप सुवे

शारी मेरे किसड़

जो ते के जो

बो ते के बो

पण हूं करो

आणा सोमासा नी सब लीलावाड़ी है

आणा सौमासा थकी साले सब नी गाड़ी है!

सौमासु लावे पाणी

गोळ मउडं ने धाणी

खेतरे-खेतरे लागें डांगरं ने पुकडं

लीलं रईं सब रूकडं

धान पाणी बड़िया थाय

खूब सरी सकें गुदा ने गाय

नदीये वेळा ने तळावं भराई जईं

गउं सुका ने साणा बढ़िया थईं

गरीब ने अमीर सब धापी ने खईं

ने अशल अली मली ने रईं!

अेटले

भले टप-टप सुवे

तोये सौमासु जुवे।

स्रोत
  • सिरजक : कैलाश गिरि गोस्वामी ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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