जणां-जणां की
मजाल कोई म्हं
जे बांच ले,
गा ले।
संस्कार अर सीख
जीं नै मल्या होवै
वै ई पढ सकै छै
म्हारा बोल,
गा सकै छै म्हारा आखर
इबारत बांचबा सूं प्हली
संस्कार सूं जुड़ो।
फड़ पै मंड्यौ
एक चतराम छूं म्है।