वा भीतर भी कोई नँ

वा बाहर भी कोई नँ

न्हँ बाट न्हाळे-न्हँ आवे याद में

वा कसी चिड़ी

ज्यो किसी भी डाळ कोई नँ।

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : अंबिका दत्त ,
  • संपादक : डॉ. भगवतीलाल व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
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