१
पून री धीमी सांस में सूं
एक अपचळो बगूळियो जलम्यो
गुड़ाळियां चाल्यो नी
थड़ी करी नी
भचकै ऊभो हुय'र
घूमर घाली तो इसी कै
घास पांख धूळ
जिकी ई चीज लपेट में आई
बूकियो पकड़र उठाई अर
बूढ़ै सूरज रै आंगणै में बगाई !
२
गीत एक घायल मोरियो
पांखां खोस खोसर
कागला सांग भरै
चिड़कल्यां आळो सजावै
देखर आभो निसास नाखै
बापड़ी गूज-मोरड़ी
डूंगरां में सिर धुणै !