चालतो चालतो

मुळकूं

बतळाऊं

भाजूं

थम जाऊं...

देवूं ओळमो बात-बात माथै।

तद...समझो थे

साव चमगूंगो

सोचो हालगी लागै डबड़ी।

पण नीं

बात हुवै बीजी

म्हैं तो घूमूं

बीजी दुनियां में

जिण में आप नीं

नीं जीया जूण रा अबखा रंग..!

रंग..

फगत हेत रा।

प्रीत रै हाथां

भर-भर बांथां

खेलूं फाग

रमूं रास

देवूं ओळमो बात-बात माथै।

ठाकरां..!

फेर क्यूं आप

तिड़काओ राफ

क्यूं बगत रो घोटतां घेंटू

रोप दी निजरां

म्हारी काया रै चकरियै में

जद कै पतियारो है

इण बगत

बीजी है दुनियां

थांरी अर म्हारी!

स्रोत
  • पोथी : चाल भतूळिया रेत रमां ,
  • सिरजक : राजूराम बिजारणियां ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण