आज चांद ने देखूं हूं तौ
सांमै समदर लैरावै है
काळौ केस कठा सूं उडतो
म्हारै खांधै पड़ जावै है
आज चांद ने देखूं हूँ तौ
धीरै-धीरै कानां में कोई कीं बोलै
गीत सुणावै, खिल -खिल हंस
इमरत रस घोळै!
आज चांद ने देखूं हूं तौ
कोई सपनौ म्हनै जगावै
इण बेळा नै मेटै कोई
बीत्या पळ में म्हनै पुगावै
आज चांद नै देखूं हूं तो...