च्यारूं मेर नावता-भागता-फिरता
मिनख-ई-मिनख
चौराया माथै ऊभी सहीद री मूरत
सोधै मानखां में मिनखपणौ
पण दीसै कोरी भागम-भाग
कोई रोटी सारू
कोई गोटी सारू
कोई बोटी सारू
मूरत री आतमा दौड़ै वांरे लारै
सहीद रौ मन रोवै आपौ-आप
कांईं सोच’र सहीद व्हियौ?
इण मूरत खातर?
टाबरां रै दांणां-पांणी खातर?
अमर होवण?
नीं! नीं!
मुलक री मुळकाई खातर!
तौ पछै आ दुरगत?
सहीद री मिरतू दुरगत खातर ई व्है, कांईं?
म्हनै मुगत करौ
कुत्ता रै मूत सूं
कबूतर री बीटां सूं
म्हारी छाती माथै
रंग-रंगीली टौप्यां रा पोस्टर
चोर ज्यूं चौकीदार री रूखाली क्यूं
जुआरियां री रमझौल क्यूं
तुरत तोड़ौ म्हारी मूरत
बंद करौ म्हारौ बौपार
मूरत मांडणा रौ चाव पाळौ
तौ ऊभी करो
‘हैवानियत’ री मूरत
पैरावौ फूल पांनड़ा
नित-नेम
पछै काटौ च्यारूं मेर चकरा
चढावौ रग-रग रौ रगत
मुगत करो म्हारी आतमा
पोत दौ डंमर अेड़ी हरेक मूरत माथै