मूंडै सूं नीं
सूण्डी सूं निकळै नाद
पैलीपोत गमक
अर-पछै
लूंठी लयकारी
च्यारूंमेर लखावै उजास
मधरा-मधरा बाजै
अंतर रा तार
सुणीजै-
बैजू अर तानसेन
रच्योङा ध्रुपद
सामीं आवै-
सबद,
सबद रै मांय
बस्योङा सबद
इणगी-उणगी घूमता सुर
चाबी बण जावै
खोलै-
तत्व ज्ञान रो ताळौ
कानां मांय सुणीजै अलाप
नोम..तोम..
साव साच है
‘नादाधींन जगत’।