म्हारै ताले री चाबी
कठै खो गई जिणसूं—
अबे म्हारी जिनगाणी
अेक नैने से कमरिये मांयने
बन्द व्हेगी
यूं तो म्हनै
इण कमरिये मांयने
की कस्ट नीं
सगला आराम है,
देवता रमै जिसौ आंगणो—
मूंडो दिखै जिसी ऊजळी भींता—
खावण—पीवण री सैंकडू चींजा—
अर ऊपर सूं—
चोरां रो रत्ती भर डर नीं—
खिडकियां हैं—
रोशनदान है—
जिणसूं संजीवण हवा—
आवे है—
कदै-कदै सूरज री
किरणा बी म्हनै देखण नै आ जावै
किणी भांत री तकलीफ नीं
पण दुख इण बात रो—
म्हारी फैलयोड़ी दुनियां
सिंकुची’ज गई
अेक नैने से कमरिये मांयने—
क्यूं के
म्हारी ताले री चाबी कठै खो गई।