कुण परायो?
हां सगळा भाई
हिंदू-मुस्लिम
सिख-ईसाई
जैन-बौद्ध भी
हैं दूजा नांहीं।
आ जात-धर्म रा
छोड़ो दंगा!
खळकावो देश मांय
हेत री गंगा।