थूं होवै, तौ अचींत्यौ अदीठ ई सांचौ
अर थूं कोनी होवै
तौ परतख दीसतौ सांच ई कूड़ौ
भरोसौ अलख कमाई है मिनख री
आव भरोसा!
म्हैं थारै ई भरोसै हूं!
थारी मूंजड़ी पकड़ म्हैं चढ़ जावां भाखर
कूद जावां अगन में
उडलां अंतरिच्छ में, तिरलां समंद में!
आधा इंच आगलौ पहियौ
अर आधा इंच लारलौ पहियौ
जमी माथै टिकायां
साइकल चलावतौ मिनख थारै पांण ई आगे बधै
आगै बधै सगळौ ग्यांन-विग्यांन थारै पांण
समाज रा संबंध कुण बणावै?
अेक दूजा सूं जुड़ै लोग थारी रेसमी सांकळ सूं
थारै कारण सीता रैयगी रावण री मांद में
थनै पाछौ बुलावण देवणी पड़ी अगन-परीछा।
थूं अकथ ताकत है प्राणां री, भरोसा!