हे भगवान म्हैं जिकौ हूँ उण सारू रोय रह्यौ हूँ
थांसूं रोजीनां रौ पेटियौ लेवण नै दुखी हूं
आ लाण विचारवांन माटी थारै पसवाड़ै
सूख सूख' र उपड़ती पापड़ी कोनीं—
हे भगवान जे थूं मिनख व्हेतौ
तौ जाणतौ के भगवांन कैड़ौ व्है
पण थूं जिकौ हमेस भगवांन ई रह्यौ
ख़ुद री सिस्टी नै कीं नीं समझ सक्यौ
मिनख धीजै सूं थनै सैवै—भगवांन वौ है
आज जद म्हारी मंत्राबंधी आंख्यां में मैणबत्यां
ईयां बळै है, जांणै म्हैं दंडीज्योड़ौ व्हूं
हे भगवान थूं भी थारी आंख्यां चानणौ कर
आ आपां चौपड़ रौ बोदौ खेल खेलां...पण स्यात, अे
जुआरी, जद सगळी दुनियां थारै सामीं आय पड़ैली
तद मौत री आंख्यां माटी रा दोय पासा व्हे
उणनै आखरी तौर सूं जीत लेवैली।
हे भगवांन इण आंधी अर बौळी रात में
थूं खेल नीं सकैला, क्यूंके पिरथी अेक
घसीज्योड़ी चौपड़ है जिकी लोट पोट व्हेण रै कारण
गोळ व्हेगी है, अर इण सारू कबर री
थोथ छूट आ कठेई थमै कोनीं।