खेलण पढण री उमर म्हारी
कुण मानै पढावै जी
हाथ म्है होनी पोथी रै पाठी
मिली मानै जूठी रै थाली
दिन रात काम म्है करता
कोई न छै जग में अपणा
बाळपणो म्हारै नाही आयो
आयो सिधो जोवन जमारो
कंचन जैडी मारी काया।