बाऊ सा, म्हैं थारौ कमाऊ पूत
जैपुर सूं
कांई-कांई भेजू थांनै?
इण सै'र में
निसरमाई रा विमाण
नित घिरै अकासां
पण घर-घर
दोय बगत खावण रा सांसा
अणचाया पावणां रा वासा
अड़वै री ज्यूं ऊभ-चूभ जीवणौ
धोबां-धोबां कीच रौ जस पीवणौ
कदै लूखा मांडियां रौ टोटौ
कदै दाळ-भात रौ सगबगौ
अेडो चंग-बंग हाल
जिया बिनां जैतलदे रातीजगौ
खीर-खांड रा सगळा सीरी
रोग-दोख रौ कोई कोनी
पग कादै में
पण जाजम माथै बैठणौ
अर पिलंग ढाळ पौढ़णौ
दिन में धोळौ भेस धौळी बातां
रात नै फाट्योड़ौ धूंसौ ओढ़णौ
जित्तौ पेट गवाई देवै वित्तौ ई बाजणौ
गाजणौ
पांत में दुभांत रौ नेम
सदां सावळ साजणौ
लीर-झीर पजामौ पण रेसम रौ नाड़ो
बारा म्हीनां सूं वत्तौ चढ़ग्यौ कोटड़ी रौ भाड़ौ
कोथळी में पाव चूंन
अर चौबारै रसोई री त्यारी
आग-पाछ नीं देखै ड्योढ़ हुंसियारी
भीड़-पीड़ रै उणियारै
अकलपै री झांई
बाऊ-सा, जैपुर सूं थाने
भेजू कांई-कांई?