तड़कै ई फूली पूरब में केसरिया क्यारी॥
सरस्यूं की कळियां केसरिया
गारा की डळियां केसरिया
सूरज उगतो सो केसरिया
पंछी चुगतो सो केसरिया
थांकी साड़ी भी केसरिया म्हारी।
बणज्यारा की लेरां केसरिया बणज्यारी॥
केसरिया सोना को रथ
केसरिया छै पगडंडी
सांचो हरदो केसरिया
काळो हिवड़ो पाखंडी
केसरिया थारी बाणी
केसरिया म्हारी बोली
पूरब का बादळ नै भी
केसरिया आंख्यां खोली
केसरिया तन मत द्यो, केसरिया पिचकारी।
तड़कै ई फूली पूरब में केसरिया क्यारी॥
केसरिया फूल हजारा
केसरिया कळी कनेरी
केसरिया जळ की लहरां
केसरिया बाळू ढेरी
केसरिया म्हारी नथड़ी
केसरिया थांको मूंडो
केसरिया अस्ताचळ में
सूरज भी धंसतो ऊंडो
केसरिया मीठी लागै छै बातां थारी।
तड़कै ई फूली पूरब में केसरिया क्यारी॥