बीजळी रो खटको
अकड़’र लट्टू ने कह्यो—
म्हारे चालबा सूं ही
थारें उजास भरे है।
अतरा म
झपाकेक बीजळी फिरगी
अर् खटका री जीभ
लटक्योड़ी ही रैगी..।