अध्यापक बड़बोल्यो डाक्टर दोस्ती गमग्या कठै पिताजी झूठ रा परदा करड़ो सांच कविता खुद रो दम कुण जाणे लड़ोकण्या मा मन रा तार मिनख रो पतो मतलब्या म्हां भाषा राजस्थानी मिजाज मिनख अर कागलो निजरां पगचम्पी पिछाण प्रीत रा पांच चितराम सौ सुनार री तसवीर नी बोले यादां