कैवणौ वाजिब है
पण
लोग बदळ लं चोळा
ज्यूं आयै दिन तारीखां बदलै!
लोग हाका करै
तड़फै
पेट र पंपाल दावै
दरसावै आपरौ हुनर
हाथ री सफाई !
वांनै औ दरसाव
बदलणौ चाईजै -
पण कठे सूं लुकावां
खुल्लौ फाळ
उघाई डील नै कांई
कित्तौक निचोवां?
नकाब चिपकायोडा
चैरी मांय
नाचै एक मरियम
कठपुतळी री भांत।
म्हारा भाई!
असल बात आ है के
जुग में रूमानियत रै
अलावा ई
केई करणजोगा काम
हाल बाकी है
अर आ पिरथी
किणी सेसनाग माथै नीं
इण तडफता पेट माथै
टिकियोड़ी है।