पल्लै राखी बांध्योड़ी

बा दीठ उण दिन री!

नैणां रा

च्यार आखरां में कैयोड़ी

रूंवां रा

हजार कानां सूं सुण्योड़ी...

जद खोली सौरम

बणगी बंधेज चूनड़ रो

अर छाबड़ियो पीळै रो

पल्लै राखी ही जकी दीठ।

स्रोत
  • पोथी : अंतस दीठ ,
  • सिरजक : रचना शेखावत ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन,जयपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण