किण विध हल करां

ईं हिन्दू मुसळमान रै समीकरण नै

हर गड़कै निकळै है जिकै रा

दोय -दोय मान

अेकर भारत, अेकर पाकिस्तान

कुणसी प्रमेय लगावां

माणस जात री

कुणसी संख्या सूं करां

ईंनै गुणा-भाग

कांई जोड़ां, कांई घटावां

निकळ आवै जिणस्यूं

नवों अेकलड़ो मान

जिकै नै बिठा देवां

गीता-कुरान री जग्यां

अर सुळझा लेवां

जुगां-जुगां सूं उळझ्योड़ी

ईं माणसजात री प्रस्नावली रो

स्सै सूं ओखो सुवाल।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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