मुरगो
बांग मेलै नीं मेलै
परभात हुवै इज
झालर बाजै नीं बाजै
आरती हुवै इज
अफसर आवै नीं आवै
दफ्तर चालै इज
मां-बाप व्है नीं व्है
टाबर रौ ब्याव हुवै इज
ईयां ही
कोई काम नीं रुकै
नीं टळै ।
पण,
औ सैं समझणियां कठै
अर जै समझ जावै
तौ फालतू रौ टंटौ
मिट जावै
अहंकार रौ आवरण
उघड़ जावै
हिवड़ै में सांति
पड़ जावै ।