“खुद रा बड़बोलापण सूं

जगत रा सारा कळेशां रो भार

बिना बात

आपरा कमजोर

कांधा पर

लाद’र चालबा री

अणूती बीमारी

रो शिकार।

फाट्योड़ी जेबां

जबानी पूंजी रा

डिसआनर्ड चैक ने

लेकर घूमतो

सबदां रो ठेकेदार...।

स्रोत
  • पोथी : अणकही ,
  • सिरजक : कैलाश मण्डेला ,
  • प्रकाशक : यतीन्द्र साहित्य सदन (भीलवाड़ा) ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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