सुख समता री रीत कठै है, आजादी री जीत कठै है,

तन रौ जळ आंसू बण बेहग्यौ, हलक सूखग्यौ गीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

कांन सुणै पिण निजर आवै, वो वरदांन किसौ सुख लावै,

सुणतां मन बिखरै उण सुर में, जीवण रौ संगीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

जूंना आगीवांण बडेरा, खेतां छोड्या नवा बछेरा,

पिण सादा मिनखां रै मन में पागी री परतीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

ठग-राजी, जन रौ मन सीझै, लोक लड्यौ पिण जात पूजीजै,

जन खांधै पग मेल सिखर पर, चढ़ग्या बांरी नीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

जीवण ज्यांरी मैणत मांगै, दळ दाळद वांरा सिर भांगै,

पूत रमै कादै सूं होळी, सैंग लड़ै जद प्रीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

राड़ बधै है ध्यांन हटै है, भाव चढै है चीज घटै है,

जन हाकम आजाद मुलक रा, अटक करै बै मीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

उछळ-कूद नित करै बछेरा, पिण क्यूं उछळै आप बडेरा,

जुग मारग री चौपड़ माथै, रण रुळग्यौ रणजीत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

हाकम हक सूं हेत बधावै, जन दिन दूणौ धन निपजावै,

अक मनै बधतै जन बळ रौ, पथ रूंधै बा भींत कठै है,

आजादी री जीत कठै है।

स्रोत
  • पोथी : गणेशीलाल व्यास उस्ताद व्यक्तित्व कृतित्व ,
  • सिरजक : गणेशीलाल व्यास 'उस्ताद' ,
  • संपादक : लक्ष्मीकांत व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रंथागार ,
  • संस्करण : 1
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